संक्षिप्त विवरण
सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पहल की घोषणा की गई थी। इस अभिनव पहल के माध्यम से, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान के आदान-प्रदान से सभी राज्यों के बीच समन्वय बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।
एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल का उद्देश्य सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की साझेदारी व जोड़ी बनाने के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच आपसी समझ और समन्वय को बढ़ावा देना है।
भारत व्यंजनों की एक समृद्ध विविधता वाला देश है। प्रत्येक राज्य और यहां तक कि राज्यों के भीतर के क्षेत्रों में भी भोजन तैयार करने की अपनी अलग शैली होती है। किसी क्षेत्र का भोजन उसके भूगोल, जलवायु, वनस्पति, कृषि उपज की प्रकृति और उस क्षेत्र के बाहरी प्रभाव पर निर्भर करता है। आज, हम देखते हैं कि कुछ क्षेत्रीय व्यंजनों ने देश भर में व्यापक रूप से लोकप्रियता हासिल की है। हालांकि, हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में पाक कला का खजाना है जो कि अभी भी देश के अन्य हिस्सों के लोगों से छिपा हुआ है।
25 अक्टूबर 2020 को प्रसारित मन की बात एपिसोड के दौरान, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से स्थानीय सामग्री के नाम के साथ अपने क्षेत्रीय व्यंजनों को साझा करने का आह्वान किया था। हम देश के सभी नागरिकों से अपने क्षेत्रीय व्यंजनों को साझा करने एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल में योगदान देने के लिए आमंत्रित करते हैं।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
प्रारंभ तिथि | 28 अक्टूबर 2020 |
अंतिम तिथि | 31 मार्च 2023 |
नियम एवं शर्तें
- 'अपने क्षेत्र के व्यंजन साझा करें'। यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह देशवासियों को एक साथ लाने एवं स्थानीय सामग्री के नामों के साथ क्षेत्रीय व्यंजनों को साझा करने के लिए प्रदान किया गया एक मंच है, ताकि अन्य क्षेत्र के लोग भी उनके बारे में जान सकें।
- यूजर्स द्वारा केवल छवियां/वीडियो ही सबमिट किए जाएंगे।
- वीडियो के केवल यूट्यूब लिंक स्वीकार किए जा सकते हैं।
- कॉपीराइट छवि/वीडियो को स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- सभी प्राप्त प्रविष्टियां एक भारत श्रेष्ठ भारत और माईगव की बौद्धिक संपदा और कॉपीराइट होंगी। कोई भी उस पर अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता। प्रविष्टियों का उपयोग भारत सरकार द्वारा प्रचार और प्रदर्शन उद्देश्यों, आईईसी सामग्री और किसी भी अन्य उपयोग के लिए किया जा सकता है जैसा कि पहल के लिए उपयुक्त समझा जा सकता है।
- सामग्री मूल होनी चाहिए और भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करनी चाहिए। जो कोई भी दूसरों के कॉपीराइट का उल्लंघन करता पाया गया, उसे प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
- प्रतिभागी को प्रविष्टि का पूर्ण स्वामित्व लेना होगा।
- माईगव कॉपीराइट उल्लंघन या प्रतिभागियों द्वारा किए गए बौद्धिक संपदा के उल्लंघन की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
- प्रविष्टियां केवल माईगव वेबसाइट पर ही जमा की जाएगी। किसी अन्य माध्यम से प्राप्त प्रविष्टियां स्वीकार नहीं की जाएंगी।
- प्रविष्टि में कोई उत्तेजक, आपत्तिजनक या अनुचित सामग्री नहीं होनी चाहिए।
- प्रतिभागी को बिना किसी मुआवजे के अपनी छवियों के उपयोग के लिए अपनी सहमति देनी होगी।
- अस्वीकृत प्रविष्टियों के लिए प्रतिभागियों को कोई सूचना नहीं दी जाएगी।
- इस प्रयोजन के लिए किए गए सभी व्यय पार्टियों को स्वयं वहन करने होंगे।
- सभी विवाद/कानूनी शिकायतें केवल दिल्ली के अधिकार क्षेत्र के अधीन हैं।
- शिक्षा मंत्रालय के पास कार्यक्रम और/या नियम और शर्तों के सभी या किसी भी हिस्से को रद्द करने या संशोधित करने का अधिकार सुरक्षित है। हालांकि, इसमें कोई भी बदलाव माईगव प्लेटफॉर्म पर अपडेट/पोस्ट किया जाएगा।