पृष्ठभूमि
भारत में संपन्न स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के परिणामस्वरूप नई और उभरती प्रौद्योगिकियां कुछ सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का सफल समाधान प्रदान कर रही हैं। शहरी जल और अपशिष्ट जल क्षेत्र में नवोन्मेषी समाधान विकसित करके और जटिलताओं को दूर करके इस पारिस्थितिकी तंत्र को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 (अमृत 2.0) अर्थात 'जल सुरक्षित शहर' के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाने की आवश्यकता है।
माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 01 अक्तूबर, 2021 को अमृत 2.0 का शुभारंभ किया गया था। सभी सांविधिक कस्बों में जल की आपूर्ति में सार्वभौमिक कवरेज के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करना, 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन के कवरेज को बढ़ाना, जलाशयों का कायाकल्प (शहरी आर्द्रभूमि सहित) और हरित स्थानों का निर्माण के अलावा, अमृत 2.0 का उद्देश्य प्रौद्योगिकी उप-मिशन के तहत नवोन्मेषी समाधान को प्रोत्साहित करना भी है। मिशन में जल और प्रयुक्त जल उपचार, वितरण और जलाशयों के कायाकल्प के क्षेत्र में नवीन, सिद्ध और संभावित पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों की पहचान की परिकल्पना की गई है। परिकल्पित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी जल क्षेत्र में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और माईगव ने देश में शहरी जल क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक समाधान प्रदान करने के लिए इच्छुक/योग्य स्टार्ट-अप से आवेदन/प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। MoHUA ने चैलेंज के पहले राउंड में 76 स्टार्टअप का चयन किया है। अब इस चैलेंज को STATUP GATEWAY के रूप में लॉन्च किया जा रहा है जो एक सतत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म-आधारित सिटी-स्टार्टअप पार्टनरशिप प्रोग्राम होगा। यह चैलेंज छह महीने की अवधि में दो बार आयोजित किया जाएगा। स्टार्टअप भागीदारी के लिए अपने समाधान को नामांकित करेंगे जिसे मूल्यांकन के बाद शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
लक्ष्य
शहरी जल क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्टार्ट-अप को "पिच, पायलट-एंड स्केल" समाधानों के लिए प्रोत्साहित करना है। इस चैलेंज के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- तकनीकी के साथ-साथ व्यावसायिक समाधान/नवाचारों की पहचान करना।
- ऐसे व्यवहार्य समाधानों का समर्थन करें जो विभिन्न आकारों, भौगोलिक क्षेत्रों और शहरों के वर्ग के लिए उपयुक्त हों।
- चुनिंदा शहरों में सूचीबद्ध की गई प्रौद्योगिकियों/समाधानों को बढ़ाने के लिए पायलट परीक्षण/प्रयोगशाला प्रदर्शन और प्रारम्भिक सहायता ।
- नवोन्मेषकों/निर्माताओं और लाभार्थियों – अर्थात यूएलबी, नागरिकों के बीच की खाई को पाटना।
- जल क्षेत्र में स्टार्ट-अप का पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।
- भारतीय मूल के स्टार्टअप और तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देकर 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देना।
- समाधान के कार्यान्वयन के लिए निजी क्षेत्र, संस्थानों, उद्योग संघों आदि के साथ भागीदारी।
विषयगत क्षेत्र
निम्नलिखित क्षेत्रों में नवीन तकनीकी/व्यावसायिक समाधान प्रदान करने वाले स्टार्ट-अप भाग लेने के लिए पात्र हैं:
- मीठे जल की व्यवस्था
- भूजल की गुणवत्ता/सतही जल की गुणवत्ता का रीयल-टाइम अनुपात-अस्थायी मानचित्रण
- जलभृतों और सतही जल निकायों में जल स्तर/मात्रा की रीयल-टाइम अनुपात-अस्थायी निगरानी
- कम से कम पानी और कार्बन फुटप्रिंट के साथ भूजल और सतही जल के लिए प्रकृति आधारित उपचार प्रणाली
- नवोन्मेषी वर्षा जल संचयन प्रणाली
- वायुमंडलीय जल प्रतिप्राप्ति प्रणाली
- जल सूचना विज्ञान – निम्न के लिए जल उपयोग + डेटा का उपयोग
- बाढ़ और सूखे की रोकथाम में बेहतर जल प्रबंधन
- अर्द्ध-शहरी समुदायों या शहरी मलिन बस्तियों के स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करना
- वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में आभासी पानी का अनुमान लगाना और इस तरह पानी का उचित मूल्य प्राप्त करना
- प्रयुक्त जल प्रबंधन
- मलिन बस्तियों के लिए साइट पर स्वच्छता समाधान सहित बेहतर सीवेज और सेप्टेज प्रबंधन
- उद्योगों में उपयोग किए गए पानी के पुनर्चक्रण को अधिकतम करने के लिए प्रौद्योगिकियां
- प्रयुक्त जल में व्यापार हेतु नवोन्मेषी व्यापार मॉडल
- प्रयुक्त जल से मूल्य की वसूली और एक परिक्रामी अर्थव्यवस्था का निर्माण
- उपचार प्रौद्योगिकियां, विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के लिए
- शहरी जल प्रबंधन
- वास्तविक समय की गुणवत्ता और मात्रा की जानकारी के साथ भूजल पुनर्भरण, ग्रे-वाटर प्रबंधन, सीवेज रीसाइक्लिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को जोड़ने वाले समुदायों के लिए विकेन्द्रीकृत परिक्रामी अर्थव्यवस्था समाधान
- मलिन बस्तियों के लिए विकेंद्रीकृत जल आपूर्ति समाधान
- नदियों, झीलों, तालाबों, उथले जलभृतों की बहाली और संरक्षण
- शहरी बाढ़ और वर्षा जल प्रबंधन
- शहरी जलभृत प्रणालियों का मानचित्रण और प्रबंधन
- तटीय क्षेत्रों में शहरी बस्तियों में लवणता का प्रवेश
- जल सेवा वितरण मानकों की निगरानी (गुणवत्ता, मात्रा और पहुंच)
- जल पैमाइश (मीटरिंग)
- नियंत्रण निर्वहन के साथ विलवणीकरण/जल निराकरण
- कुशल प्रवाह पॉलिमर/धातु नलसाजी जुड़नार जिसमें जलवाहक के बिना नल शामिल हैं
- उच्च रिकवरी/दक्षता आरओ सिस्टम
- पानी के संरक्षण या अपव्यय में कमी के लिए रेट्रोफिटिंग उपकरण
- पर्वतीय क्षेत्रों के लिए नवोन्मेषी जल आपूर्ति समाधान
- कृषि जल प्रबंधन
- ऊर्जा, उर्वरकों और कीटनाशकों के कम उपयोग के साथ प्रति टन फसल में जल के उपयोग में कमी
- एआई-एमअल आधारित प्रणालियाँ जो किसानों को मानसून पर उनकी निर्भरता कम करने में मदद करती हैं
- शहरी सीवरेज प्रबंधन
- मलिन बस्तियों के लिए साइट पर स्वच्छता समाधान सहित बेहतर सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन
- गंधहीन, निर्जल मूत्रालय
- जल प्रशासन
- गैर-राजस्व पानी की कमी
- नल में पीने योग्य पानी की 24X7 आपूर्ति के लिए सुरक्षित प्रणालियां
- जल पर शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना
- शुद्ध शून्य जल और शुद्ध शून्य अपशिष्ट परियोजनाओं का लक्ष्य
- जल और ऊर्जा के संबंध को प्रदर्शित करना
- जल पैकेजिंग के लिए स्थायी समाधान
- पारंपरिक नल और नलसाजी प्रणालियों में नवाचार
- जल के उपयोग, अपव्यय, रिकॉर्डिंग दक्षता, आईओटी सक्षम और प्रदर्शन की निगरानी और सुधार के लिए एक केंद्रीय डेटाबेस से जुड़े स्मार्ट नल
पात्रता मानदण्ड
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा स्टार्ट-अप के रूप में मान्यता प्राप्त सभी संस्थाएं।
- स्टार्ट-अप को उपरोक्त विषयगत क्षेत्रों में समाधान प्रदान करना चाहिए।
चैलेंज में कैसे भाग लें
वर्ष 2022 में 9 सितंबर, 2022 को 11:00 बजे से लेकर 9 जनवरी, 2023 तक चैलेंज खुला रहेगा।
- इंडिया वाटर पिच-पायलेट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज में आवेदन करने के लिए innovateindia.mygov.in पर उपलब्ध रहेगा।
- प्रतिभागी किसी भी वैध ईमेल-आईडी का उपयोग करके चैलेंज के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। एक बार आवेदक द्वारा पंजीकरण अनुरोध किए जाने के बाद, पंजीकृत ईमेल-आईडी पर एक ईमेल भेजा जाएगा जिसमें उनके पंजीकरण को स्वीकार किया जाएगा और भागीदारी प्रक्रिया का विवरण प्रदान किया जाएगा।
- पंजीकृत आवेदक 'पार्टिसपेट' बटन का चयन करके प्रस्ताव अपलोड कर सकते हैं।
मूल्यांकन प्रक्रिया और मानदंड
प्रस्तुत प्रस्तावों का मूल्यांकन और सूचीबद्ध करने के लिए द्वि-स्तरीय जांच प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जांच समिति प्रारंभिक सूची बनाएगी और अंतिम चयन के लिए 'विशेषज्ञ समिति' द्वारा सूचीबद्ध प्रस्तावों की जांच की जाएगी। प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए समितियों द्वारा निम्नलिखित व्यापक मानकों पर विचार किया जाएगा:
- नवाचार
- उपयोगिता
- विषय वस्तु की प्रासंगिकता
- समाज पर प्रभाव अर्थात शहरों में जल संबंधी गंभीर चुनौतियों को हल करने में यह कितना सहायक होगा
- प्रतिकृति
- अनुमापकता
- तैनाती/ कार्यान्वयन में आसानी
- समाधान के कार्यान्वयन में शामिल संभावित जोखिम
- प्रस्ताव की पूर्णता
महत्वपूर्ण तिथियाँ
इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्टअप चैलेंज का शुभारंभ | 09/09/2022 को https://innovateindia.mygov.in/ |
जमा करने की अंतिम तिथि | 09/01/2023 |
प्रस्तावों को सूचीबद्ध करना | घोषित किए जाएंगे |
अंतिम परिणाम की घोषणा | घोषित किए जाएंगे |